surat : दक्षिण गुजरात ( south gujarat ) के सूरत में वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय ( vnsgu ) (वीएनएसजीयू) के अंतर्गत वन सेवा महाविद्यालय (बीआरएस) में वरिष्ठ लिपिकों की भर्ती में घोटाले के आरोप सामने आए हैं। छात्र नेता युवराजसिंह जडेजा ने आरोप लगाया है कि इस भर्ती में भ्रष्टाचार हुआ है, जिसमें एक पूर्व नगरसेवक के बेटे को ओएमआर आधारित परीक्षा ( exam ) में 100 प्रतिशत (210/210) अंक दिए गए। आरोपों के बाद विश्वविद्यालय ने कॉलेज से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। एक जांच समिति गठित की गई है।

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वीएनएसजीयू के कुलपति ने जांच शुरू की
आरोपों पर संज्ञान लेते हुए वीएनएसजीयू के कुलपति किशोर सिंह चावड़ा ( kishorsinh chavda ) ने कॉलेज से लिखित बयान मांगा है और पूरे मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि घोटाला साबित हुआ तो नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

surat : दक्षिण गुजरात ( south gujarat ) के सूरत में वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय ( vnsgu ) (वीएनएसजीयू) के अंतर्गत वन सेवा महाविद्यालय (बीआरएस) में वरिष्ठ लिपिकों की भर्ती में घोटाले के आरोप सामने आए हैं।

परीक्षा संचालन पर संदेह, ओएमआर व सीसीटीवी जांच की मांग
युवराजसिंह जडेजा ने मांग की है कि ओएमआर शीट को एफएसएल जांच के लिए भेजा जाना चाहिए, साथ ही परीक्षा के सीसीटीवी फुटेज ( cctv footage ) और कॉल रिकॉर्ड की भी जांच होनी चाहिए ताकि इस पूरी भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता सामने आ सके।गुजरात में एक और भर्ती घोटाले का दावा किया गया है। ग्रामसेवा सह घड़सापुर द्वारा संचालित बाणेवाव महाविद्यालय, बिलथड़ी में आयोजित ओएमआर आधारित वरिष्ठ लिपिक परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों को शत-प्रतिशत अंक मिलने का घोटाला सामने आया है। छात्र नेता जडेजा ने दावा किया कि एक अभ्यर्थी ने 210 में से 210 अंक प्राप्त किये हैं, जिसे सामान्यतः असंभव माना जाता है। यद्यपि यूपीएससी और जीपीएससी जैसी कठिन परीक्षाओं में भी 100% अंक प्राप्त करना दुर्लभ है, लेकिन इस तरह का परिणाम संदेह को आमंत्रित करता है।

क्या आप सीपीटी परीक्षा रद्द करवाने का प्रयास कर रहे हैं?
मूल नियम के अनुसार, ओएमआर परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी को सीपीटी (कम्प्यूटर प्रवीणता परीक्षा) अवश्य देनी होगी। हालांकि, ओएमआर परीक्षा के परिणाम घोषित होने से पहले ही सीपीटी परीक्षा को रद्द करने का प्रयास किया गया, जो संदेहास्पद है।

ओएमआर में अनियमितता व एसआईटी जांच की मांग
इस मामले में ओएमआर शीट को जांच के लिए एफएसएल भेजने, सीसीटीवी फुटेज की पुष्टि करने तथा कॉल रिकॉर्ड और सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) के जरिए शामिल लोगों की जांच करने की मांग की गई थी।

लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इस पूरे मामले को लेकर कुलपति किशोर सिंह चावड़ा ने कहा कि राज्य सरकार ने बिलपुड़ी स्थित हमारे विश्वविद्यालय की ग्रामीण अध्ययन शाखा के कॉलेज के भीतर गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती की अनुमति दी थी। किस नियम के तहत प्रवेश परीक्षा देनी होती है। यह मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद कॉलेज से लिखित स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। इसके साथ ही एक जांच समिति भी गठित की गई है। जांच रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के आधार पर, इस स्वीकृत कॉलेज में गैर-शिक्षण कर्मचारी का पद दंडात्मक कार्रवाई के रूप में रद्द किया जा सकता है।

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