surat : सूरत ( surat ) में फुटपाथ ( Footpath ) पर अपनी मां के साथ सो रही छह साल की मासूम बच्ची का अपहरण ( Kidnep ) कर उसे सूरत नगर निगम के खेल मैदान में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म ( Rape ) करने वाले आरोपी को गिरफ्तार ( arrest ) कर लिया गया है। लेकिन बलात्कार की शिकार लड़की घटना के बाद तीन दिनों से गंभीर सदमे में है। आईसीयू ( icu ) में 48 घंटे बिताने के बाद अब उसे सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, लेकिन बच्ची अपनी मां के अलावा किसी अजनबी की तरफ देखना भी नहीं चाहती।

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surat : सूरत ( surat ) में फुटपाथ ( footpath ) पर अपनी मां के साथ सो रही छह साल की मासूम बच्ची का अपहरण ( kidnep ) कर उसे सूरत नगर निगम के खेल मैदान में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म ( rape ) करने वाले आरोपी को गिरफ्तार ( arrest ) कर लिया गया है।

जब अस्पताल के डॉक्टर ( docter ) और नर्सिंग स्टाफ ( nursing staff ) लड़की से बात करने या उसे चॉकलेट या कुछ और देने की कोशिश करते हैं, तो वह साफ मना कर देती है। वह किसी अजनबी से बात नहीं करना चाहती। यहां तक ​​कि अपनी मां से भी वह सिर्फ हां और ना ही बोलता है।

मासूम बच्चा मानसिक सदमे में है। जो कोई भी अजनबी को देखता है वह डर जाता है। आईसीयू में भी बच्ची अचानक रोने और घबराने लगी। उसे रोता देख डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के रोंगटे खड़े हो गए, उन्हें एहसास हुआ कि इतनी छोटी उम्र में बच्ची न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक यातना भी झेल रही थी।

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6 year old rape victim’s health improving, shifted from ICU to general ward

दूसरी ओर, लड़की के साथ बलात्कार करने वाला अजय वर्मा फिलहाल सूरत कटारगाम पुलिस की पांच दिन की रिमांड पर है। उसने अंततः यह स्वीकार कर लिया है कि उसने लड़की के साथ बलात्कार किया है, लेकिन पुलिस को नहीं लगता कि उसके हाव-भाव से उसे कोई पछतावा है। हालांकि अब पुलिस जांच में सीसीटीवी में आरोपी का दिखना अहम सबूत है। इसलिए कतारगाम पुलिस ने आरोपी का चेहरे का विश्लेषण कराने का निर्णय लिया है।

इतना ही नहीं, सीसीटीवी में उसके चलने के तरीके और उसकी बॉडी लैंग्वेज का भी गेट एनालिसिस करके यह साबित किया जाएगा कि वह आरोपी है। पुलिस सभी वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने में जुटी है।

आरोपी को लड़की के सामने परेड कराया जाएगा, लेकिन चूंकि लड़की फिलहाल सदमे में है, इसलिए पुलिस पहचान परेड के लिए लड़की की मानसिक और शारीरिक स्थिति के बारे में डॉक्टर से राय लेगी। पहचान परेड प्रक्रिया तभी की जाएगी जब डॉक्टर इसे उचित समझेंगे। लड़की की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, उसे बाल मनोचिकित्सक से परामर्श दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

https://youtu.be/wb0E2oEYGMg

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