navratri : नवरात्रि में माता की विशेष पूजा ( pooja ) -अर्चना की जाती है। इस बार नौ साल बाद अष्टमी ( ashtmi ) नवरात्रि 9 दिनों की बजाय 10 दिनों की मनाई जाएगी। ऐसे में लोग इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि अष्टमी तिथि पर नैवेध कब चढ़ाएँ। आइए विस्तार से जानते हैं।
navratri : नवरात्रि 2025 अष्टमी नवमी तिथि तिथि: नवरात्रि माता की भक्ति और आराधना का पर्व है। नवरात्रि के 9 तिथियों में माता के नवदुर्गा ( navdurga ) स्वरूप की पूजा और दशहरे पर यज्ञ हवन किया जाता है। नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथियों पर माता की विशेष पूजा की जाती है और नैवेध अर्पित किया जाता है। नैवेध में माता को विशेष व्यंजन अर्पित किए जाते हैं। इस बार नवरात्रि में 9 दिनों की बजाय 10 दिन हैं, ऐसे में इस बात को लेकर असमंजस है कि अष्टमी तिथि पर नैवेध कब चढ़ाएँ। तो आइए जानते हैं शरद नवरात्रि की अष्टमी तिथि कब है?
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नवरात्रि 2025: 9 नहीं, 10 दिन मनाए जाएँगे नवरात्र
navratri : इस बार, आसो नवरात्रि 9 नहीं, 10 दिन मनाए जाएँगे। नौ साल बाद, इस बार नवरात्रि में एक नोरा जोड़ा गया है। सोमवार, 22 सितंबर, 2025 से शुरू हुए शरद नवरात्रि में, तीसरा नोरा दोगुना हो गया है, यानी तीसरी तिथि दोगुनी हो गई है। इसलिए, दशहरा गुरुवार, 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
navratri : नवरात्रि में माता की विशेष पूजा ( pooja ) -अर्चना की जाती है। इस बार नौ साल बाद अष्टमी ( ashtmi ) नवरात्रि 9 दिनों की बजाय 10 दिनों की मनाई जाएगी।
आसो नवरात्रि का आठवाँ नोरा कब है?
navratri : इस बार, चूँकि आसो नवरात्रि में एक और नोथी है, इसलिए लोग इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि सातवीं, आठवीं और नोमी का भोग कब लगाया जाए। वैदिक पंचांग के अनुसार, नवरात्रि की सातवीं तिथि 29 सितंबर, आठवीं तिथि 30 सितंबर और नोमी तिथि 1 सितंबर को है। इसलिए, इन उपरोक्त तिथियों पर सातवीं, आठवीं और नौवीं नैवेध चढ़ाई जाएगी।

नैवेध क्यों किया जाता है?
navratri : वैदिक संस्कृति ( vaidik sanskruti ) में, देवताओं की विशेष पूजा की जाती है। जिसमें विशेष दिन, तिथि और त्योहारों पर देवी-देवताओं को विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है, जिसे नैवेध कहते हैं। नवरात्रि में माता को नैवेध चढ़ाने की परंपरा है। नैवेध में माता को लापसी, कांसर, शिरो, खीर पूरी, चने की सब्जी, रोटी समेत कई तरह की मिठाइयाँ और फल चढ़ाए जाते हैं।
