Market : ईरान और इजराइल के बीच चल रहे तनावपूर्ण हालात के बीच आखिरकार युद्धविराम ( Market ) की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में भारी हलचल देखी गई है। पिछले 12 दिनों से चल रहे इस संघर्ष के थमने से भू-राजनीतिक तनाव में कमी आई है, जिससे सुरक्षित निवेश ( Market ) विकल्प माने जाने वाले सोने और चांदी की मांग में अचानक कमी देखी जा रही है। इसका सीधा असर कीमती धातुओं की कीमतों ( Prices ) पर पड़ा है।
MCX पर सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर आज सोने की शुरुआत ही कमजोरी के साथ हुई। शुरुआती कारोबार में सोना ₹500 की गिरावट के साथ खुला और ₹2,966 पर पहुंच ( Market ) गया। दोपहर के समय तक गिरावट का दौर जारी रहा और दोपहर 1:31 बजे तक सोना ₹97,539 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड ( Trade ) करता देखा गया। यह गिरावट सीधे तौर पर वैश्विक बाजारों में आई नरमी के साथ जुड़ी हुई है।
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MCX पर चांदी की कीमतों में भी गिरावट
केवल सोना ही नहीं, बल्कि चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है। MCX पर चांदी की कीमतों में ₹1,000 तक की गिरावट देखने को मिली। कल चांदी ₹1,06,759 प्रति किलोग्राम ( Market ) पर थी, जो आज गिरकर ₹1,05,505 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। इससे यह स्पष्ट है कि निवेशकों ( Investors ) ने कीमती धातुओं से अपना रुझान हटाना शुरू कर दिया है।
वैश्विक बाजारों में गिरावट का प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की हाजिर कीमतों में भी गिरावट देखी गई। भू-राजनीतिक जोखिम में कमी के चलते निवेशकों ने सुरक्षित परिसंपत्तियों से धन ( Wealth ) निकालना शुरू किया। हाजिर ( Market ) सोना 0.5% गिरकर $3,351 प्रति औंस पर आ गया, जो 11 जून के बाद सबसे निचला स्तर है। वहीं अमेरिकी सोना वायदा 0.9% टूटकर $3,365.30 प्रति औंस पर पहुंच गया।
स्थानीय बाजारों में भी असर
अहमदाबाद के चोकसी महाजन मार्केट में भी सोने की कीमतों में ₹1,500 से ₹2,000 तक की गिरावट दर्ज की गई। कल यहां 999 प्योरिटी वाला सोना ₹1,02,500 प्रति 10 ग्राम पर ( Market ) उपलब्ध था, जबकि आज इसकी कीमत ₹1,00,500 से ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के बीच रही। इसी प्रकार, चांदी की कीमत जो कल ₹1,07,000 प्रति किलोग्राम थी, वह आज घटकर ₹1,04,000 प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही है।

क्यों आई इतनी बड़ी गिरावट?
कमोडिटी विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान और इजराइल के बीच युद्धविराम की घोषणा से निवेशकों का डर कुछ हद तक खत्म हो गया है। सामान्य तौर पर जब किसी भी प्रकार का ( Market ) युद्ध या भू-राजनीतिक संकट ( crisis ) होता है तो निवेशक सोने और चांदी की ओर रुख करते हैं, जिन्हें पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश माना जाता है। लेकिन युद्धविराम के बाद तनाव घटा है, जिससे इन धातुओं की मांग में गिरावट आई है।
अब फोकस अमेरिका के फेडरल रिजर्व पर
विशेषज्ञों के अनुसार अब बाजार की निगाहें अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक पर टिक गई हैं। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की अमेरिकी कांग्रेस में होने वाली प्रस्तुति और आगामी नीति दरों को लेकर होने वाली घोषणा पर सभी की नजरें हैं। यदि फेडरल रिजर्व जुलाई में ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इसका ( Market ) दोहरा असर बाजार पर पड़ सकता है। एक ओर डॉलर की कमजोरी से सोने को सहारा मिल सकता है, वहीं दूसरी ओर अगर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें पहले से ही बाजार में समाहित हैं, तो कीमतें और भी नीचे आ सकती हैं।
निवेशकों के लिए संकेत
वर्तमान परिदृश्य में निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। भू-राजनीतिक संकटों से जुड़ी अनिश्चितताओं के कम होने से कीमती धातुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक ( Market ) है। यदि फेड की नीति में नरमी आती है तो सोने-चांदी की कीमतों में फिर से मजबूती आ सकती है। लेकिन निकट भविष्य में कीमतों में और गिरावट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
ईरान और इजराइल के बीच युद्धविराम के बाद वैश्विक और घरेलू दोनों ही बाजारों में कीमती धातुओं की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। सोना ₹2,000 तक टूटा है जबकि ( Market ) चांदी ₹3,000 तक गिर चुकी है। आने वाले दिनों में अमेरिकी फेड की नीति और वैश्विक तनाव की स्थिति कीमतों को नई दिशा दे सकती है। निवेशकों को इस समय सूझ-बूझ से निर्णय लेने की आवश्यकता है क्योंकि बाजार में अस्थिरता फिलहाल बनी रहेगी।