business : उद्योगपति अनिल अंबानी ( anil ambani ) से हाल ही में ईडी ने पूछताछ की। 17000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी ( fruad ) के एक मामले में उनसे 10 घंटे तक पूछताछ की गई। एक समय में अनिल अंबानी का दबदबा था और वे दुनिया ( world ) के सबसे अमीर लोगों में शामिल थे। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि वे इस मुश्किल स्थिति तक कैसे पहुँचे।
business : भाई अंबानी की कंपनी रिलायंस ( reliance ) का जब बंटवारा हुआ, तो अनिल अंबानी को रिलायंस इन्फोकॉम मिली। जबकि मुकेश अंबानी को पेट्रोकेमिकल मिला। दोनों को बराबर की हिस्सेदारी मिली, लेकिन आज एक भाई एशिया का सबसे अमीर उद्योगपति है और दूसरा भाई अपनी दिवालिया कंपनियों के कर्ज का बोझ ढो रहा है। एक समय था जब अनिल अंबानी दुनिया के छठे सबसे अमीर उद्योगपति थे, लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि वे दिवालिया हो चुके हैं। बैंकों के भारी बोझ से दबे अनिल अंबानी करीब 49 बार डिफॉल्टर हो चुके हैं। बंटवारे के बाद कुछ सालों तक कंपनी ( company ) ठीक-ठाक चली, लेकिन फिर अनिल अंबानी दिवालिया होने लगे। अनिल अंबानी की आरकॉम दिवालिया होने की कगार पर पहुँच गई। कंपनी पर कर्ज बढ़ने लगा। आज बात करते हैं अनिल अंबानी की उस गलती की, जिसकी वजह से वे इस स्थिति में पहुँचे।
https://youtube.com/shorts/_t3wwiLPNfk?feature=share

https://dailynewsstock.in/ai-tools-these-top-5-ai-tools-will-create-prof
विवाद के बाद हुआ यह बंटवारा
business : अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी के बीच कारोबार का बँटवारा हो गया। मुकेश अंबानी को पुराना पेट्रोकेमिकल कारोबार मिला, जबकि अनिल अंबानी को नए ज़माने का दूरसंचार, वित्त और ऊर्जा कारोबार मिला। अनिल अंबानी अपना कारोबार संभाल नहीं पाए। उन्होंने रिलायंस जैसी मूल्यवान और नए ज़माने की कंपनियों का अधिग्रहण किया, लेकिन वे कमाल नहीं कर पाए। अनिल अंबानी ने रिलायंस टेलीकॉम के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएँ बनाईं, लेकिन योजना सफल नहीं हुई। वे दूरसंचार, बिजली और बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र के बादशाह बनना चाहते थे, लेकिन आज उनकी कंपनी दिवालिया हो गई है।
business : उद्योगपति अनिल अंबानी ( anil ambani ) से हाल ही में ईडी ने पूछताछ की। 17000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी ( fruad ) के एक मामले में उनसे 10 घंटे तक पूछताछ की गई।
अनिल अंबानी की गलतियों के कारण कंपनी डूब गई
business : अनिल अंबानी की हालत ऐसी हो गई कि उन्हें कर्ज चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ा। कर्ज का संकट तब और गहरा गया जब आरकॉम और एयरसेल का विलय विफल हो गया। 2016 में आरकॉम और एयरसेल ( aircell ) का विलय विफल हो गया। बंटवारे के बाद, अनिल अंबानी को रिलायंस की लाभदायक और बढ़ती कंपनियाँ मिलीं। इसके बावजूद, वे इसे बचा नहीं पाए, आगे बढ़ाना तो दूर की बात है।
business : अंबानी का पतन उनकी गलतियों के कारण हुआ है। अनिल अंबानी एक व्यवसाय से दूसरे व्यवसाय में कूद रहे थे, लेकिन क्रियान्वयन में खामियों के कारण उनका पैसा उन व्यवसायों में ही फँस गया। अनिल नए-नए प्रोजेक्ट्स में पैसा लगाते रहे, जिससे उन पर कर्ज़ का बोझ बढ़ता गया। कर्ज़ अब नियंत्रण से बाहर होता जा रहा था। वर्ष 2019 तक, अनिल अंबानी की कंपनियों का कुल कर्ज़ बोझ 1.73 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया था।
कर्ज़ चुकाने के लिए लेना पड़ा कर्ज़
business : अनिल अंबानी की कंपनियाँ एक समय सफलता के शिखर पर पहुँच गई थीं। वर्ष 2008 में, अनिल अंबानी की कंपनियों का बाज़ार मूल्य 4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था। वर्ष 2019 में यह मूल्य घटकर मात्र 2391 करोड़ रुपये रह गया था। अनिल अंबानी बैंक कर्ज़ के बोझ तले दबे हुए थे। 10 साल पहले तक दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपतियों में शुमार अनिल अंबानी अब दिवालिया होने की कगार पर थे। कंपनी ने खुद ही दिवालिया होने की राह पर चलने का फैसला किया। रिलायंस कम्युनिकेशंस यानी आरकॉम ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया।

मुकेश अंबानी देश के सबसे अमीर व्यक्ति हैं
business : एक ओर जहाँ अनिल अंबानी अपनी कंपनियों को मुनाफे में लाने में कामयाब नहीं हो पाए, वहीं दूसरी ओर उनके बड़े भाई ने अपनी मज़बूत रणनीति के चलते समूह के पुराने कारोबार को गति दी। इसके साथ ही, मुकेश अंबानी ने अन्य क्षेत्रों में भी अपना दबदबा बनाया और आज मुकेश अंबानी देश के सबसे अमीर व्यक्ति हैं।