ajab gajab : रूस के कई छोटे शहर आज वीरान होते जा रहे हैं, जो अगले 10-20 सालों में अस्तित्वहीन हो सकते हैं। द मॉस्को टाइम्स की एक रिपोर्ट ( report ) के अनुसार, हाल के दशकों में लगभग 34 लाख की आबादी वाले 130 छोटे शहरों ( city ) से 3,14,500 से ज़्यादा लोग पलायन कर चुके हैं।
दुनिया के ये शहर खतरे में हैं!
ajab gajab : रूस के कई छोटे शहर आज वीरान होते जा रहे हैं, जो अगले 10-20 सालों में अस्तित्वहीन हो सकते हैं। द मॉस्को टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल के दशकों में लगभग 34 लाख की आबादी वाले 130 छोटे शहरों से 3,14,500 से ज़्यादा लोग पलायन कर चुके हैं। यह भयावह भविष्य ( future ) उन इलाकों के लिए तैयार हो रहा है जहाँ उद्योग और बुनियादी ढाँचा लगातार ढह रहा है।
रूसी शहर अपनी चमक क्यों खो रहे हैं?
ajab gajab : उत्तरी रूस के इन शहरों में कोयला, धातुकर्म और वानिकी उद्योग धीरे-धीरे लुप्त हो रहे हैं। संसाधनों की कमी, निवेश की कमी और उद्योगों में मंदी के कारण रोज़गार का संकट गहराता जा रहा है। इसका स्थानीय जीवन स्तर और बुनियादी ढाँचे पर सीधा असर पड़ रहा है।
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प्रवास की लहर और युवाओं की कमी
ajab gajab : छोटे शहरों में शिक्षा ( education ) , स्वास्थ्य ( health ) और मनोरंजन जैसे ज़रूरी संसाधनों की कमी के कारण, युवा बेहतर जीवन के लिए बड़े शहरों का रुख़ करने को मजबूर हैं। लगातार बढ़ते प्रवास के कारण, ये इलाके खाली हो रहे हैं, जिससे शहरों का अस्तित्व खतरे में है।
ajab gajab : रूस के कई छोटे शहर आज वीरान होते जा रहे हैं, जो अगले 10-20 सालों में अस्तित्वहीन हो सकते हैं। द मॉस्को टाइम्स की एक रिपोर्ट ( report ) के अनुसार, हाल के दशकों में लगभग 34 लाख की आबादी वाले 130 छोटे शहरों ( city ) से 3,14,500 से ज़्यादा लोग पलायन कर चुके हैं।
खराब बुनियादी ढाँचा समस्याओं को और बढ़ा रहा है
ajab gajab : इन शहरों में बिजली, पानी, सड़कें, पुल और स्वास्थ्य सेवाएँ लगातार बदतर होती जा रही हैं। अनियमित बजट के कारण, स्थानीय लोग ख़ुद सड़कों और पुलों की मरम्मत के विकल्प तलाश रहे हैं, जो शहरों के पतन का संकेत है।
कौन से शहर खतरे में हैं?
ajab gajab : ब्रांस्क, नोवगोरोड, किरोव, क्रास्नोयार्स्क जैसे बड़े क्षेत्र प्रभावित हैं। वेरखनी टैगिल, ट्रुबचेवस्क, इंटा, काम, मेदवेज़ेगोर्स्क, तोरज़ोक सहित कई छोटे शहर गंभीर संकट से गुज़र रहे हैं और उनकी आबादी तेज़ी से घट रही है।

आर्थिक मंदी का असर
ajab gajab : संसाधन संपन्न क्षेत्र भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। आर्थिक बदहाली के कारण लोग मॉस्को के पास रोशाल, सखालिन के ओखा जैसे इलाकों की ओर पलायन करने लगे हैं।
स्थानीय लोग खुद को सुधारने के लिए कदम उठा रहे हैं।
ajab gajab : जब सरकारें बजट की कमी के कारण कुछ अच्छा नहीं कर पातीं, तो लोग खुद सड़कें और पुल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। समाज की ये चुनौतियाँ दर्शाती हैं कि कैसे शहर धीरे-धीरे वीरान होते जा रहे हैं।
क्या ये शहर भविष्य में नक्शे से गायब हो जाएँगे?
ajab gajab : रिपोर्ट के अनुसार, ये छोटे और मध्यम आकार के शहर 10 से 20 सालों में नक्शे से गायब हो सकते हैं, जिन्हें न तो समुद्र निगलेगा और न ही कोई अन्य आपदा, बल्कि मानव समाज स्वयं इन्हें त्याग देगा।
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